EMOTIONAL MATLABI SHAYARI

109+ EMOTIONAL MATLABI SHAYARI / मतलबी शायरी इन हिंदी

हम आपके लिए मतलबी शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो रिश्तों में मिले धोखे और दिल टूटने के एहसास को बखूबी बयां करती है। यह शायरी उन क्षणों को उजागर करती है जब विश्वास टूट जाता है और सच्चाई सामने आती है। मतलबी शायरी के माध्यम से आप अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं और सांत्वना पा सकते हैं।

यह पोस्ट उन कठोर दिल वाले लोगों के लिए है जो दूसरों को धोखा देना गलत नहीं समझते और उनके विश्वास का फायदा उठाकर आगे बढ़ जाते हैं।

इस पोस्ट में MATLABI SHAYARI, MATLABI SHAYARI Messages, MATLABI SHAYARI Images, MATLABI SHAYARI Status के माध्यम से आप अपने दर्द को महसूस कर सकेंगे और दूसरों को भी समझा पाएंगे। आप इन्हें व्हाट्सएप स्टेटस, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर शेयर कर सकते हैं या दोस्तों और जानने वालों को भेज सकते हैं। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आती है, तो इसे जरूर शेयर करें।

मतलबी दुनिया में, रिश्ते हैं बस नाम के।
मतलब के लिए, लोग बदलते हैं रंग।
दिल से निभाओ, मतलबी न बनो।
मतलबी लोगों से, दूरी ही भली।
मतलब निकलते ही, पहचान भूल जाते हैं।
मतलबी रिश्तों में, सच्चाई नहीं मिलती।
मतलब के लिए, दोस्ती का दिखावा।
मतलबी लोग, अपने ही होते हैं पराए।
मतलब की दुनिया में, सच्चे दिल कहाँ?
मतलबी लोगों से, उम्मीद न रखो।
मतलब के लिए, लोग करते हैं प्यार।
मतलबी रिश्तों में, दर्द ही मिलता है।
मतलब के बिना, कोई साथ नहीं देता।
मतलबी दुनिया में, भरोसा नहीं होता।
मतलब के लिए, लोग बदलते हैं चेहरे।
मतलबी लोगों से, सावधान रहो।
मतलब की खातिर, लोग करते हैं धोखा।
मतलबी रिश्तों में, खुशी नहीं मिलती।
मतलब के लिए, लोग बनते हैं अपने।
मतलबी दुनिया में, सच्चाई की कमी।

NEW MATLABI SHAYARI IN HINDI STATUS

मैं किसी से केवल अपने स्वार्थ के लिए संबंध नहीं रखता। दुनिया की सारी बातें तुम संभालो, लेकिन यह दुनिया तुम्हारी एक भी बात का मान नहीं रखेगी।

अब मुझे इंसानों, मतलबी जमाने और धोखेबाज लोगों से नफरत हो गई है।

मतलबी जमाना झूठे इजहार करता है; हमारी पीठ पीछे उनका एक और प्यार चलता है।

मतलबी दुनिया का दस्तूर निराला है,
यहाँ हर कोई बस अपने में ही पाला है।

रिश्तों की बुनियाद में जब स्वार्थ आ जाता है,
सच्चा प्यार भी एक छलावा बन जाता है।

मतलबी लोगों से दिल लगाना कैसा,
जो वक्त पर साथ छोड़ दें, वो याराना कैसा।

दुनिया की भीड़ में खुद को अकेला पाया,
जब अपनों के चेहरे पर स्वार्थ का नकाब पाया।

मतलबी रिश्तों की यही कहानी है,
जरूरत पूरी होते ही, पहचान अनजानी है।

यदि कोई अकेला है, तो इसका यह अर्थ नहीं कि उसे कोई पसंद नहीं करता; बल्कि वह इसलिए अकेला है क्योंकि उसने दुनिया की असलियत पहचान ली है।

यहाँ सभी अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभा रहे हैं; सच्चे दिल से प्रेम करना अब कैसे संभव है?

दुनिया की भीड़ में मैं एक तन्हा आत्मा हूँ; मेरे कई चेहरे हैं, इसलिए मैं हँसता बहुत खूबसूरती से हूँ।

बिना स्वार्थ के कोई मुझे खोजे, शायद ऐसा कोई व्यक्ति ही नहीं है।

हम भी उनके प्रिय मित्र थे, जब तक हम उनके काम आते थे।

मेरे लिए जीवन का अर्थ वही है, जिसमें तुम्हारी खुशी सबसे पहले हो।

खुशनसीबी का मतलब मेरे दिल से पूछो; दर्द भी कभी-कभी मीठा एहसास दे जाता है।

वे स्वार्थी हैं, जो अपना काम निकलने तक ही साथ देते हैं; जब आवश्यकता पूरी हो जाती है, तो रिश्ते तोड़ देते हैं।

दिल टूटने पर हमें एहसास हुआ,
मतलबी लोगों का साथ कभी सच्चा नहीं होता।

वो कहते हैं, दोस्ती निभाएंगे उम्रभर,
पर असलियत में मतलबी निकलते हैं अक्सर।

धोखे की दुनिया में कोई भी सच्चा नहीं,
हर कोई अपने मतलब की सोचता है बस।

दिल से प्यार किया था मैंने,
और उसने मतलबी होकर दिल तोड़ दिया।

वो कहते थे कि हम साथ हैं हमेशा
पर उनका मतलब सिर्फ जरूरत तक था।

दिल का क्या कसूर जब वो मतलबी निकले।
जब जरूरत थी तो साथ थे, अब जरूरत नहीं तो पराए हो गए।

मतलबी लोगों का साथ छोड़ देना ही बेहतर है। जब मतलब निकल जाता है, तो लोग बदल जाते हैं।

मतलबी जमाना है, नफरतों का कहर है; यह दुनिया शहद दिखाती है, पर जहर पिलाती है।

छोटी बातें करते हैं जो लोग, चार पैसे में बिकते हैं जो लोग, करते हैं नीचा दिखाने की कोशिश, पता नहीं कहां से आते हैं ऐसे लोग।

बुरे दिनों का भी एक फायदा है, सारे रिश्तों की परख हो जाती है।

मतलबी लोग तोहफे से ज्यादा देखते हैं उसकी कीमत, बस आंखों के सामने नहीं फेंकते, यही होती है गनीमत।

मतलबी लोगों के साथ बैठने की अब आदत नहीं रही, इसीलिए दूर से ही खैरियत पूछ लिया करते हैं।

बदलता मौसम, बदलते रिश्ते, और बदलते लोग; दिखते भले ना हो पर महसूस बहुत होते हैं।

इस मतलबी दुनिया में जीना है तो, नींद में भी पैर हिलाते रहो; वरना दुनिया मरा हुआ समझ कर, दफ़नाने में देर नहीं लगाएगी।

बुरे हालातों ने बहुत कुछ सिखाया है, अब जान पाया कि कौन अपना कौन पराया है, जब साथ छोड़ गए वो मतलबी दोस्त, तब आंखों से विश्वास का परदा उठ पाया है।

वक़्त, मौसम, और लोग—तीनों की एक जैसी फितरत होती है; कौन, कब, कहाँ बदल जाए, पता ही नहीं चलता।

माना कि किसी से ज्यादा नाराज नहीं रहना चाहिए, लेकिन जब सामने वाले को हमारी जरूरत ही नहीं होती, तो जबरदस्ती के रिश्ते रखने का कोई मतलब नहीं।

मतलबी लोग दोस्तों की तरह नजर आते हैं, जैसे भेड़िये कुत्तों की तरह।

छोटी बातें करते हैं जो लोग, चार पैसे में बिकते हैं जो लोग; करते हैं नीचा दिखाने की कोशिश, पता नहीं कहां से आते हैं ऐसे लोग।

बहुत मतलबी हो गई है ये दुनिया, सिर्फ अपने बारे में सोचती है ये दुनिया; कोई मर भी रहा होगा इनके सामने, पैर रखकर आगे बढ़ जाएगी ये बेरहम दुनिया।

आओ सुनाऊं मतलबी दोस्त की कहानी, भरोसा तोड़कर पहुंचाते हैं हानि; दिल पर करेंगे ये वार, आंखों से न बहा पाओगे पानी।

इस दुनिया से हमने यही है सीखा, जो पीठ के पीछे बोलते हैं तीखा; उनसे बना लो समय पर दूरी, इससे पहले ये जीवन कर दें फीका।

पहले लोगों से सुना करते थे, लेकिन तुमसे मिलकर जान गए कि प्यार मतलब से भी होता है।

अपने मतलब के लिए लोग भूखे इंसान को रोटी खिला देते हैं, फोटो निकालकर अपनी महानता की फिर मतलबी दुनिया को दिखा देते हैं।

कितनी छोटी बातों में कितने बड़े मतलब छुपे होते हैं, जैसे एक छोटे से बीज में एक विशाल बरगद।

हर गुनाह यहां माफ़ हो रहा है, इस दुनिया का चेहरा बदल रहा है। मतलबी है यहां का हर शख्स, पैसों से यहां का काम चल रहा है।

छोटी बातें करते हैं जो लोग, चार पैसे में बिकते हैं जो लोग। करते हैं नीचा दिखाने की कोशिश, पता नहीं कहां से आते हैं ऐसे लोग।

भरोसे की आड़ में उन्होंने मुझे बहुत सताया है, मतलबी लोगों की तरह शायद, मतलब के लिए उन्होंने मुझे अपना बनाया है।

पीड़ा तो तब हुई, जब लोग अपने दिलों में गिले-शिकवे रखकर माफ़ी मांग चले गए, सिर्फ अपने मतलब के लिए।

मुझमें लाख बुराइयाँ सही, लेकिन एक खूबी भी है, मैंने कभी किसी से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखा।

इस मतलबी दुनिया में किसी पर भरोसा मत करना, इश्क और धोखे में अपना जीवन बेकार मत करना।

भरोसा जितना कीमती होता है, धोखा उतना ही महँगा हो जाता है।

किसी पर इतना भी भरोसा मत कीजिए कि बाद में किसी पर भरोसा ही न रहे।

भरोसा सब पर करो पर सावधानी से, क्योंकि कभी-कभी खुद के दांत भी जीभ काट लेते हैं।

किसी को माफ़ करके अच्छे इंसान बन जाओ, मगर दोबारा भरोसा करके बेवकूफ मत बनो।

दिल की धड़कन और मेरी सदा हो तुम, मेरे भरोसे की आखिरी वफ़ा हो तुम।

मैं माफ़ तो हर बार करता हूँ, लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करता हूँ।

मुझे रिश्तों की लंबी कतारों से मतलब नहीं, कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफ़ी है।

दर्द से मतलब नहीं रहा, तब समझ आया, इस दुनिया में कोई किसी का नहीं रहा।

इस दुनिया की एक ही रीत है, जिससे हो मतलब, उसी से प्रीत है।

हो जाते हैं वो लोग भी मतलबी, जो सहारे तुम्हारे होते हैं।

कोई नहीं है हमारा सिवाय आपके, ये कहकर जो वो जाते हैं।

यह दुनिया है साहब, यह दिल से नहीं, जरूरत से प्यार करती है।

जब अपनों को अपनों के दर्द से मतलब नहीं रहा, तब समझ आया, इस दुनिया में कोई किसी का नहीं रहा।

अल्फाज में दर्द यूं ही नहीं कोई लिखता, उसके पीछे कोई गहरा घाव है छिपता।

कितना दुख होता है ना, जब मतलबी दुनिया के लोग अपना स्वार्थ पूरा होने पर हमें छोड़ जाते हैं।

झूठी दुनिया की शायरी या मतलबी दुनिया की शायरी।

मतलबी दुनिया का किस्सा बड़ा पुराना है, यह हर शख्स खूबसूरत चीजों के पीछे दीवाना है।

सब मतलब की यारी है, यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।

खर्च कर दिया खुद को, कुछ मतलबी लोगों पर, जो हमेशा मेरे साथ थे, सिर्फ मतलब के लिए।

सबूतों की ज़रूरत पड़ रही है, यानी रिश्तों में दूरी बढ़ रही है।

कितनी ही शिद्दत से निभा लो रिश्ता दिल का, बदलने वाले बदल ही जाते हैं।

कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते, पर ज़िन्दगी जरूर अमीर बना देते हैं।

खुशी हुई ये जानकर कि अब आप मेरी जिंदगी में नहीं हो, वरना तो आपके रिश्ते ने हमें भी मतलबी बना दिया था।

बदलती इस दुनिया के साथ हर रिश्ता बदल रहा है, जहां अपनों की जीत पर कोई अपना जल रहा है।

मतलबी है वो हर रिश्ता जो बेवफाई करता है, जो सामने अच्छी-अच्छी बातें करता है, मगर पीठ पीछे बुराई करता है।

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं, चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो, तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।

संभल के चलना दोस्त, इस मतलबी दुनिया के मखमली रास्तों पर, बर्बाद करने के लिए प्यार का सहारा भी ले लेते हैं लोग।

रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को, वरना मतलब के रिश्ते रखने वाले को तो कोई भी नहीं रुला सकता।

इस मतलबी दुनिया में हर कोई बदल जाता है जब उनको कोई आपसे बेहतर मिल जाता है।

दिल का हाल क्या समझाएं तुम्हें, तुम तो आए ही मेरी जिंदगी से सिर्फ अपना मतलब पूरा करने।

मतलबी दुनिया में कोई किसी का नहीं होता, हर कोई अपने स्वार्थ में लिप्त होता है।

रिश्तों की आड़ में छुपे हैं स्वार्थ के धागे, जिन्हें समझना आसान नहीं होता।

दिखावे की इस दुनिया में, सच्चे रिश्ते मिलना दुर्लभ होता है।

हर कोई अपने फायदे के लिए, दूसरों का इस्तेमाल करता है।

इसलिए, संभलकर चलना इस मतलबी दुनिया में, क्योंकि यहाँ कोई किसी का नहीं होता।

रिश्ते तोड़ना हमारे लिए आसान नहीं है, कोई समझाए उन स्वार्थी लोगों को, अभी तो हम रिश्ते निभा रहे हैं, ग़म सह रहे हैं, वरना हम भी तो इसी ज़माने में ही रह रहे हैं।

जब कोई इंसान नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दे, तो समझ लेना उसकी ज़रूरतें पूरी हो गई हैं।

मतलबी लोगों की इस दुनिया में, रिश्तों की कद्र कम हो गई है।

जब तक मतलब है, साथ हैं, वरना नज़रअंदाज़ करने में देर नहीं लगती।

दिल से निभाओ जो रिश्ते, वो ही सच्चे कहलाते हैं।

वरना स्वार्थ की इस भीड़ में, हर कोई अपना मतलब निकालता है।

इसलिए संभलकर चलना, इस मतलबी दुनिया के रास्तों पर।

क्योंकि यहाँ हर कोई, सिर्फ अपने लिए जीता है।

Frequently Asked Question

What is Matlabi Shayari?

Matlabi Shayari is poetry that delves into the emotions experienced when someone faces betrayal or selfishness in relationships. It highlights moments when trust is broken, revealing the true nature of individuals.

What is the purpose of Matlabi Shayari?

The purpose of Matlabi Shayari is to express feelings of hurt and betrayal caused by selfish behavior. It provides an outlet for individuals to convey their inner turmoil and find solace through words.

When is Matlabi Shayari used?

Individuals often turn to Matlabi Shayari when they have been deceived or have encountered selfishness in relationships. It serves as a medium to articulate their pain and disappointment.

Is Matlabi Shayari always negative?

While Matlabi Shayari primarily deals with negative experiences, its aim is to release pent-up emotions and offer comfort to those who have suffered betrayal.

How can one write Matlabi Shayari?

To write Matlabi Shayari, reflect on personal experiences of betrayal or selfishness. Craft verses that convey the depth of your feelings, focusing on the themes of broken trust and disillusionment.

Conclusion

Matlabi Shayari” serves as a poignant reflection of the complexities inherent in human relationships, particularly highlighting themes of selfishness and betrayal. This genre of poetry provides a voice to the disillusionment and pain experienced when trust is broken and genuine connections are scarce. By articulating these emotions, Matlabi Shayari not only offers solace to those who have faced such challenges but also fosters a deeper understanding of the importance of sincerity and authenticity in our interactions. Engaging with this form of poetry encourages introspection and empathy, reminding us of the value of true, selfless bonds in a world that can often seem driven by personal gain.

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